मगर सच, मुझे भी दर्द का एहसास है क्या जानूँ मुझमें क्या ख़ास है मगर सच, मुझे भी दर्द का एहसास है क्या जानूँ मुझमें क्या ख़ास है
लेकर छोटी सी काया, तू बढ़ा सदा न घबराया, लेकर छोटी सी काया, तू बढ़ा सदा न घबराया,