अकेलापन तो न जैसे कभी छुआ था उनको, घर की हर दीवार जैसे किस्से से हो सुनाती। अकेलापन तो न जैसे कभी छुआ था उनको, घर की हर दीवार जैसे किस्से से हो सुनाती।