सड़कों पर चलना पाप हुआ नारित्व यूँ जलकर खाक हुआ, इस देश को आख़िर पड़ी है क्या एक बार नहीं ये लाख ... सड़कों पर चलना पाप हुआ नारित्व यूँ जलकर खाक हुआ, इस देश को आख़िर पड़ी है क्या ...
मैं एक नारी हूँ अपनों से हारी हूँ। खुद प्यासी हूं पर शीतल जल की झारी हूँ। मैं एक नारी हूँ अपनों से हारी हूँ। खुद प्यासी हूं पर शीतल जल की झारी हू...