ना हम कभी सुधरेंगे ना ही कुछ सोचेंगे बस यूँही लड़ते रहेंगे पागलो की तरह। ना हम कभी सुधरेंगे ना ही कुछ सोचेंगे बस यूँही लड़ते रहेंगे पागलो की तरह।
गुलामी से बच कहाँ पाये, गैरों की गुलामी से बचें, अपनों ने गुलाम बनाया। गुलामी से बच कहाँ पाये, गैरों की गुलामी से बचें, अपनों ने गुलाम बनाया।