बिना श्रम के न बनते मंज़िल के अफसाने है बिना श्रम के न बनते मंज़िल के अफसाने है
चाहे हजार बहाने बना लो, लेकिन उन हजार बहानों के बाद भी जो आपने साथ ले चले, चाहे हजार बहाने बना लो, लेकिन उन हजार बहानों के बाद भी जो आपने साथ ले चले,