'कुछ चार पंक्तियाँ लीखना चाहता हूं, एक खुशी की लीख दूंगा, एक गम की लीख दूंगा, एक किसी आस की लीख दूंग... 'कुछ चार पंक्तियाँ लीखना चाहता हूं, एक खुशी की लीख दूंगा, एक गम की लीख दूंगा, एक...
गिर रहे है लोग नज़र से क्या केवल संभल रहा हूॅं मैं सब बेवकूफी भरी मोहब्बत में उखड रहे है पर शिद्... गिर रहे है लोग नज़र से क्या केवल संभल रहा हूॅं मैं सब बेवकूफी भरी मोहब्बत में ...