उठ चल कि तुझमे ये जाँ अभी बाक़ी है तू औरत है यही तेरे निशां अभी बाक़ी हैं। उठ चल कि तुझमे ये जाँ अभी बाक़ी है तू औरत है यही तेरे निशां अभी बाक़ी हैं।
क्यों खोए हो इस तरह कहीं तुम जिंदगी में तमाशा बाकी है। क्यों खोए हो इस तरह कहीं तुम जिंदगी में तमाशा बाकी है।