हम बच्चें पढ़-लिख कर बड़े हो गए उच्च पद पर आसीन, अपने पैरों पर खड़े हो गए। हम बच्चें पढ़-लिख कर बड़े हो गए उच्च पद पर आसीन, अपने पैरों पर खड़े हो ग...
अपने प्रेम का राग बजाओ सीमा पर मन के पहरे में आग लगावो भेदों को बंदी बनवाओ कहो कबीर कहाँ फिर आये... अपने प्रेम का राग बजाओ सीमा पर मन के पहरे में आग लगावो भेदों को बंदी बनवाओ क...