तन ढकने को न कंबल न ही रजाई पास है इस भीषण ठंड में बस प्रभु की ही आस है। तन ढकने को न कंबल न ही रजाई पास है इस भीषण ठंड में बस प्रभु की ही आस है।
चारों तरफ सफेद नजारा, देखने को मिला चारों तरफ सफेद नजारा, देखने को मिला