"सौ करोड़" जनता जब, रोटी की तलाश में कभी यहाँ, तो कभी वहाँ भटकती है, "सौ करोड़" जनता जब, रोटी की तलाश में कभी यहाँ, तो कभी वहाँ भटकती है,