प्रिज़्म बन कर इंसान, अपनी ओर आती रोशनी की हर किरण को तोड़ देना चाहता है अलग अलग रंगों म... प्रिज़्म बन कर इंसान, अपनी ओर आती रोशनी की हर किरण को तोड़ देना चाहता ह...
ये चाँद की रोशनी और ये यादों की धुँध खारी बारिश में रेनबो बना लेते है अपने निराधार है न मेरी सोच... ये चाँद की रोशनी और ये यादों की धुँध खारी बारिश में रेनबो बना लेते है अपने न...