कभी लैला ने मजनूँ को तो कभी, कभी हीर ने रांझा को दिया होगा। कभी लैला ने मजनूँ को तो कभी, कभी हीर ने रांझा को दिया होगा।
तुम्हारे आंखों का काजल लगता जैसे हमसे कुछ कहता, तुम्हारे आंखों का काजल लगता जैसे हमसे कुछ कहता,