तुम मुझे यूं ही कुचलते रहे सहज समझ के अदब करने की गुस्ताखी क्या कर दी मैंने जो लिपटे रहे तुम नज़रो... तुम मुझे यूं ही कुचलते रहे सहज समझ के अदब करने की गुस्ताखी क्या कर दी मैंने जो...
हर बात में मेरा नाम लेना और हर बार बस यही कहना मुझे तुम से मोहब्बत नहीं सच मे तुम बताओ ना कहीं त... हर बात में मेरा नाम लेना और हर बार बस यही कहना मुझे तुम से मोहब्बत नहीं सच मे...