किसे पुकारे आज बेचारी, सहस्त्र आपदाओं से घिरी हुई है वो लाचार। लाज बचाने को द्रौपदी की, आज कोई नह... किसे पुकारे आज बेचारी, सहस्त्र आपदाओं से घिरी हुई है वो लाचार। लाज बचाने को द्...
समय हूँ मैं सबकी परवाह करता हूँ इसीलिए आज द्रौपदी को आगाह करता हूँ कि वह दुःशासन से डरे और अ... समय हूँ मैं सबकी परवाह करता हूँ इसीलिए आज द्रौपदी को आगाह करता हूँ कि वह द...