जो कभी खेलते-कूदते, दौड़ते-गिरते-संभलते, झूला झूलते, वे अभी हैं घरों की चार दीवारी में जो कभी खेलते-कूदते, दौड़ते-गिरते-संभलते, झूला झूलते, वे अभी हैं घरों की चार द...
तुम्हारी एक आह पर डर जाती- तुम्हें दर्द में देख जो जीते जी मर जाती- तुम्हारी एक आह पर डर जाती- तुम्हें दर्द में देख जो जीते जी मर जाती-