तेरी जिंदगी बैठी है हकीकत की तलाश में खाक़ तू सपने छोड़कर उधर क्यों नहीं जाता। तेरी जिंदगी बैठी है हकीकत की तलाश में खाक़ तू सपने छोड़कर उधर क्यों नहीं जाता।