सुबह तक जागती रही थी मुझमें वो जिसको ओढ़ के सोया था बीती रात मैं। सुबह तक जागती रही थी मुझमें वो जिसको ओढ़ के सोया था बीती रात मैं।
रात के जगमगाते हजारों सितारों से, अपने ख्वाबों को सजाते रही, रात के जगमगाते हजारों सितारों से, अपने ख्वाबों को सजाते रही,