गर्म हो गयी धरणी सारी ,भीषण कैसी आग लगी है जल प्रपात है कहीं भयंकर ,तो सूखे की मार कह गर्म हो गयी धरणी सारी ,भीषण कैसी आग लगी है जल प्रपात है कहीं भयंकर ,तो सूखे ...
ख्वाब का घरौंदा कोई फिर से तोड़ा गया ख्वाब का घरौंदा कोई फिर से तोड़ा गया