न यह शिवशंभु का चिट्ठा न परसाई जी का व्यंग न यह शिवशंभु का चिट्ठा न परसाई जी का व्यंग
नशा ये यक़ीनन बहुत ही बुरा है… पर, उम्मीद का दामन अब भी भरा है! नशा ये यक़ीनन बहुत ही बुरा है… पर, उम्मीद का दामन अब भी भरा है!