अब तुम्हारे स्वागत को धरती नहीं आतुर रहती न पंछी गीत गाते हैं नदियां भी अब कल-कल अब तुम्हारे स्वागत को धरती नहीं आतुर रहती न पंछी गीत गाते हैं नदियां भ...
यह दुनिया कितनी बदल गयी , हर जगह विश्वास की धज्जियां उड़ गईं यह दुनिया बाजार बन गयी यह दुनिया कितनी बदल गयी , हर जगह विश्वास की धज्जियां उड़ गईं यह दुनिया...
"क्या बात है वसु ,,,,,, बड़ी उदास लग रही हो ,,,,, समथिंग रोंग विद यू ? मैं कई दिनों से "क्या बात है वसु ,,,,,, बड़ी उदास लग रही हो ,,,,, समथिंग रोंग विद यू ? मैं कई दि...