अब तुम्हारे स्वागत को धरती नहीं आतुर रहती न पंछी गीत गाते हैं नदियां भी अब कल-कल अब तुम्हारे स्वागत को धरती नहीं आतुर रहती न पंछी गीत गाते हैं नदियां भ...