एक पिता ही नहीं वटवृक्ष की तरह हमें अपने में समेटे बचाते रहे। एक पिता ही नहीं वटवृक्ष की तरह हमें अपने में समेटे बचाते रहे।
किस खुशी में हम सब पर्व और त्यौहार मनाएं कौन सा समाधान पा सकीं हमारी समस्याएं समाधान कर सकें तो खु... किस खुशी में हम सब पर्व और त्यौहार मनाएं कौन सा समाधान पा सकीं हमारी समस्याएं ...