न जाने क्यों रूठी हुई आज सृष्टि हरी दूब पर जब से हुई ओलावृष्टि न जाने क्यों रूठी हुई आज सृष्टि हरी दूब पर जब से हुई ओलावृष्टि
कुदरत ने कैसा कहर ढाया फिर से हुआ बहुत बिगाड़ा। कुदरत ने कैसा कहर ढाया फिर से हुआ बहुत बिगाड़ा।