सब मृगतृष्णा है सब मृगतृष्णा है
क्यों ना हो इंतज़ार उस दिन का जो टूट गया कहाँ है वो तिनका क्यों ना हो इंतज़ार उस दिन का जो टूट गया कहाँ है वो तिनका