बूंदें आलिंगन कर रही बार-बार सौहार्द प्रेम की बहे बयार। बूंदें आलिंगन कर रही बार-बार सौहार्द प्रेम की बहे बयार।
मैं खुद से मिली खुद में ही खो गई खुद से पहचान थी मगर मैं खुद से मिली खुद में ही खो गई खुद से पहचान थी मगर