आख़िर वह क़त्ल क्या ? आख़िर वह क़त्ल क्या ?
मुझे रोकते क्यों हो। मुझे टोकते क्यों हो। मुझे रोकते क्यों हो। मुझे टोकते क्यों हो।
मुझ में मेरा पानी आख़िर कब तक ? मुझ में मेरा पानी आख़िर कब तक ?
आखिर ऐसा क्यों होता है के हम भूल जाते है प्रकृति माँ को। आखिर ऐसा क्यों होता है के हम भूल जाते है प्रकृति माँ को।