अब तो आपाधापी ही ऐसी है जीने की, कि अपनी गूंजे भी सुनाई नहीं देती। अब तो आपाधापी ही ऐसी है जीने की, कि अपनी गूंजे भी सुनाई नहीं देती।
एहसास जब मिटता हैं दिल पत्थर होता है दिल आहे भरता है और कुछ ना समझता है एहसास जब मिटता हैं ... एहसास जब मिटता हैं दिल पत्थर होता है दिल आहे भरता है और कुछ ना समझता है ...