'साहिल' शहर में..सभल के निकल। हर गली मौत का...कहर चल रहा।। 'साहिल' शहर में..सभल के निकल। हर गली मौत का...कहर चल रहा।।
आजकल की इस आबोहवा में इंसानियत खो गई है,लकवा में। आजकल की इस आबोहवा में इंसानियत खो गई है,लकवा में।