जल्दी के चक्कर में आफ़त में न पड़ जाना जल्दी के चक्कर में आफ़त में न पड़ जाना
बड़ी आफ़त हो जाती है बड़ी आफ़त हो जाती है
आज जब खुद पर आई तो मुंह पर चुप्पी सी छाई। आज जब खुद पर आई तो मुंह पर चुप्पी सी छाई।
पानी बना लाचारी, ना बरसे तो हाय बरस पडे घनघोर तो,आफत यो दे जाय। पानी बना लाचारी, ना बरसे तो हाय बरस पडे घनघोर तो,आफत यो दे जाय।