अगर बिके मतदाता पाचसौ की लालच में तो अनुमान लगाओ जरा नेता कितना लुट नोच खाये देश को विकास के नाम... अगर बिके मतदाता पाचसौ की लालच में तो अनुमान लगाओ जरा नेता कितना लुट नोच खाये ...
तब बाबा तुम खिवैया बन प्रकट हुए थे ले संकल्प नव सोच नव कृति संरचना की।। तब बाबा तुम खिवैया बन प्रकट हुए थे ले संकल्प नव सोच नव कृति संरचना की।।
शिक्षा बिन वर्तमान निर्रथक सबका साथ, सबका विकास शिक्षा बिन वर्तमान निर्रथक सबका साथ, सबका विकास