RAJAN SHARMA

Others

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RAJAN SHARMA

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ज़िन्दगी

ज़िन्दगी

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ज़िन्दगी ने आप ही सीखा दिया

तन्हा सफ़र करना

वरना हम तो अकेले चल रहे थे,

न जी रहे थे न मर रहे थे।

उनकी आवाज़ को

अपनी आवाज़ बनाना था

ऐ ज़िन्दगी,

ये कैसे मोड़पर लाके

छोड़ गई वो मुझको।

अब तो तू ही सहारा है ज़िन्दगी

और न मरने का डर न

जाती की खुशी है अब तो।




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