STORYMIRROR

ये कहाँ आ गये

ये कहाँ आ गये

1 min
41K


 

समय के चलते चलते
हालात बदलते बदलते
ये कहाँ आ गये हम

शाम यूँ ढलते ढलते
गई कुछ कहते कहते
छा गये कहाँ से इतने गम

वक़्त कल अजीब था
माना कि तू गरीब था
पर ख़ुशियाँ न थी तेरे कम

वक़्त जो छूट गया
कोई क्यूँ रूठ गया
हो गई क्यूँ आँखें आज नम
समय के चलते चलते
हालात बदलते बदलते
ये कहाँ आ गये हम

जगदीश पांडेय " दीश

 


Rate this content
Log in