यादों का आईना
यादों का आईना
झकझोरती तन्हाई की परछाई
संग संग मचलती जिंदगी गुजरी।।
स्मृति में रची बसी खूबसूरती
लम्हे लम्हे वक्त के आईने में
दीदार को बलखाती।।
बेहद खूबसूरत लम्हो की हम सफर जज्बा हालात चमन बहार स्मृति
कि खुशबू खूबसूरती।।
अनजान की मुलाकात ना जाने कब कैसे जिंदगी हमसफ़र किरदार आरजू
अरमानों की चांदनी चाँद।।
स्मृति की खुशबू मात्र आज इल्म भी ना था कि खूबसूरत खुशबु के जिंदगी चमन बहार।।
सिर्फ सिमट कर रह गयी स्मृति की खुशबू गुजरा वक्त जज्बात।।
चाह कि राह जिंदगी हसीन
ख्वाब की हकीकत रौशन नाज।।
दुनियां के रस्क का राज क्या खूबसूरत खुशबू खासअंदाज़ ।।
जमाने मे खूबसूरत खुशबू बयार मेरी जिंदगी हकीकत अरमान क्यो स्मृति की खुशबू ताज।।
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर गोरखपुर उत्तर प्रदेश।।