यादगार मोहब्बत
यादगार मोहब्बत
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सोचा शब्दों में बाँध लू तुझे, के ख्याल बिखर न जाए,
आज तो साथ है हम, क्या पता कल बिछड़ न जाए।
चल कुछ हसीन घड़ियाँ वक़त से माँगते है,
चल हाथ थामे एक दूसरे का अनजान रहो पर चलते है।
मंज़िल भी तू, रास्ता भी तू, चल तुझे ही कारवाँ बनाते है,
साथ तेरे बनजारे से कुछ लम्हे गुजारते है।
कुछ सपने अपने बनाते है, कुछ हकीकत सपनो में लाते है,
चल आज ही ये सपने जी जाते है।
वक़त की तितली से चल कुछ रंग चुराते है,
कुछ तेरे, कुछ मेरे, चल नए रंग सजाते है।
मासूम सी मुस्कुराहट चल होठो पर अपने रख लेते है,
गम हो या ख़ुशी, चल साथ मुस्कुरालेते है।
कुछ शब्द मेरे, कुछ ख्याल तेरे,
चल एहसासो में उतार लेते है।
चल अपनी इस मोहब्बत को,
ताउम्र के लिए शायरी में ढाल लेते है।

