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Rishi Rai

Others

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Rishi Rai

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याद है माँ

याद है माँ

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याद है, आपके साथ स्कूल जाना,

याद है, लिखावट सुधारने के लिए कान पकड़ना,

याद है, स्कूल की किताबों के अलावा भी अच्छी किताबें लाना, 

याद है, स्कूल के लिए देर होने पर डांट लगाना,

याद है, हर कमजोरी पर आपका मेरे साथ होना,

याद है, हर बार समझाना कि हार नही होती, बस सीखने का एक और मौका मिलता है,

याद है, हर मुश्किल घड़ी में ढाल बनकर खड़े होना,

याद है, सबसे लड़कर, खुद से दूर पढ़ने भेजना,

याद है, पहली तनख्वाह मिलने पर खुशी से फ़ोन करना,

याद है, हर प्रमोशन पर खीर बनाना, 

याद है, हर बार हमें सबसे पहले याद रखना...

जब सबने कहा कि बेकार है, आपने सिखाया कि अक्सर बेकार पड़े लकड़ी के टुकड़ा ही सारा बोझ उठा लेता है,

सर झुकाकर एक सूत्र में पूरे परिवार को पिरोता है,

कभी हार भी होती है, फिर जीत का मजा दुगना कर देती है,

याद है,

कुछ अपनों के कारण अपना बहुत कुछ पीछे छोड़ आना,

फिर भी हमें आसमान छू लेने की हिम्मत देना,

पिताजी के साथ और पिताजी का आपके साथ खड़े रहना,

हर इच्छा को अगली बार पर टाल देना, याद है,

सब कुछ सहना,

कोई शिकायत न करना, याद है,

जीवन के सबसे कटु और कठिन पाठ पढ़ाना,

सब याद है, 

संघर्ष, नम्रता और शक्ति, सब याद है,माँ।


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