भगवान की भक्ति तो बड़ी दुर्लभ है सिद्ध एवं मुक्त पुरुषों में भी। भगवान की भक्ति तो बड़ी दुर्लभ है सिद्ध एवं मुक्त पुरुषों में भी।
मनुष्य को मृत्यु और अपयश आदि प्राप्त हैं होते। मनुष्य को मृत्यु और अपयश आदि प्राप्त हैं होते।
यज्ञ समापत होने पर वहां अग्नि से एक दैत्य प्रकट हुआ! यज्ञ समापत होने पर वहां अग्नि से एक दैत्य प्रकट हुआ!