भगवान की भक्ति तो बड़ी दुर्लभ है सिद्ध एवं मुक्त पुरुषों में भी। भगवान की भक्ति तो बड़ी दुर्लभ है सिद्ध एवं मुक्त पुरुषों में भी।
मंद बुद्धि मैं एक पशु हूँ फंसा हुआ विषयभोगों में । मंद बुद्धि मैं एक पशु हूँ फंसा हुआ विषयभोगों में ।
उसके सामने ही चले गए प्रभु अपने लोक को, अंतर्धान हो। उसके सामने ही चले गए प्रभु अपने लोक को, अंतर्धान हो।