मनुष्य को मृत्यु और अपयश आदि प्राप्त हैं होते। मनुष्य को मृत्यु और अपयश आदि प्राप्त हैं होते।
ब्रह्मावर्त क्षेत्र में पृथु जी ने सौ अशव्मेघ यज्ञों की दीक्षा ली !~ ब्रह्मावर्त क्षेत्र में पृथु जी ने सौ अशव्मेघ यज्ञों की दीक्षा ली !~