तन्हाई में भी बहुत सी अच्छाई
तन्हाई में भी बहुत सी अच्छाई
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तन्हाई में भी बहुत सी अच्छाई है
बिना बात हसाती है, रुलाती है
बड़े -बड़े ख्वाब दिखलाती है
क्योंकि, तन्हाई में भी है बहुत सी अच्छाई
अपने आप से मिलवाती है
ज़िंदगी जीने का तरीका सिखलाती है
अपनों की याद दिलाती है
बातें जो दफ़न हो गई है यादों की कब्र में उस से मिलवाती है
क्योंकि, तन्हाई में भी बहुत सी अच्छाई है
ख्यालों के मझधार में डुबोती है
खुद पर भरोसा करना सिखलाती है
क्योंकि तन्हाई में भी बहुत सी अच्छाई है।"