साथ चल
साथ चल
ऐ ज़िंदगी तू साथ चल मेरे,
अब कहानी नई लिखते है I
छोड़ अब किसी के आने की उम्मीद,
अब तलाश खुद की करते है I
काफी वक्त गुजार दी हमने एक दूसरे के नफ़रत में,
आ अब शुरुआत नई करते है
बचे कुछ पल जो है तेरे मेरे साथ के,
आ गुजार लें एक दूसरे के प्यार में I
हाँ मालूम है के कुछ शिकायतें थी तुझे रवैये से,
पर निराश तो तुमने भी कई बार मुझे किया ही था
आ चल ख़त्म करें अब अपनी नोक -झोंक,
एक दूसरे को अपना लें अब I
बची जो थोड़ी स्याही है हमारे कलम में,
आ साथ मेरे अब कहानी नई लिखते हैं I
थोड़ी सी समझदारी और थोड़ा समझौता,
आ अब पुरानी कलम से जज्बात नई लिखते हैं
ऐ ज़िन्दगी तू साथ चल मेरे अब कहानी नई लिखते हैं I