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Awadhesh Kumar

Others

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Awadhesh Kumar

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तेरे नैना

तेरे नैना

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उसे जाने तो जाने कैसे,

उसे ढूंढें तो ढूंढे कैसे,

वो तेरे पास भी है,

वो मेरे पास भी है,

ये लगती समदर्शी हैं

पर ये बड़ी दूरदर्शी हैं

क्योंकि ये वो आंखें हैं जो बिना चश्मे के सब देखती हैं ।


ये देखती है सबकुछ,

दिखाती है सब कुछ,

जरा देखो गौर से देखो इन्हें,

ये कहती है सब कुछ

हमने बोला बहुत

हमने सुना बहुत 

जरा इनसे रू-ब-रू हो कर तो देखो ,

क्योंकि ये वो आंखें हैं जो बिन बोले सब कह जाती हैं ।


ये मासूम भी दिखें,

ये चंचल भी लगें,

यह गुस्से से लाल हो 

दहकती भी लगें,

रंग तो दुनिया के बहुत हैं,

ये एक रंगी होके भी सतरंगी लगें,

क्योंकि ये वो आंखें हैं जो एक रंग में भी सब रंग दिखा जाती हैं।


ये दोस्त भी देखें,

दुश्मन भी दिखाएं 

ये मासूमियत भी देखें,

प्यार भी दिखाएं 

ये अपनों में अपना संसार दिखाएं,

यह सब में होकर सबको दिखाएं,

क्योंकि ये वो आंखें हैं जो दिल के सारे रिश्ते दिखाती हैं।


हमने किताबों से सीखा 

कर्तव्य समझकर,

दुनिया से सीखा 

जरुरत समझकर,

इन आंखों को ज़रा वक्त देकर तो देखो, 

ये सब बताएंगी तुम्हें अपना समझकर,

क्योंकि ये वो आंखें है जो तुमसे सीख के सब सिखाती हैं,

ये वो आंखें हैं जब बिन बोले सब कह जाती हैं।



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