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Nimisha Singhal

Others

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Nimisha Singhal

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सुहासिनी

सुहासिनी

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सहधर्मिणी, वह संगिनी, गृह स्वामिनी वह वह वामांगिनी

आर्य पग धरे वह साथ हो,सुखद अनुभूति का अहसास हो।

वह स्मिता वह रागिनी वह साध्वी, धर्मचारिणी।

निश्छल हंसी उज्जवल छवि सुरम्यता बेमिसाल हो।

शीतल भी हो गरिमामयी, कल- कल ध्वनि सी निनादनी।

निरन्न उपवास धारिणी, सावित्री सी आनंद दायिनी।

अतुल्य जो चंचल भी हो, प्राण प्रिय ऐसी सुहासिनी।





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