मुस्कान इत्ती भी महँगी नहीं, कि उसे सहेज के रखें...! मुस्कान इत्ती भी महँगी नहीं, कि उसे सहेज के रखें...!
Please read my self writeen poem Please read my self writeen poem
बिखर जाऊं मैं जो प्यार बनकर, अपने दिल के कोने में मुझे संजोकर रख लेना। बिखर जाऊं मैं जो प्यार बनकर, अपने दिल के कोने में मुझे संजोकर रख लेना।