सपना-जो जान से प्यारा
सपना-जो जान से प्यारा
सपना-जो जान से प्यारा
सपना-हर रक्त से प्यारा
मर मिटेंगे उस स्वप्न के लिए
सपना-जो जान से प्यारा
हर दफा उस नयन में,
जो पर्दाे को खटखटाती है,
नेत्र के जज़्बात को
चुरा ले जाती है,
स्वयं को जो जग से
जुदा कर जाती है,
वो सपना जो जान से प्यारा,
हर रक्त से प्यारा ...
एक सपना देश के लिए,
हरदम देखा जाता है
कभी मोदी बनकर,
तो कभी सैनिक बनकर
पूर्ण भी किया जाता है,
यह तो दृढ़ विचार का
अतर है जाे स्वप्न काे
हक़ीकत बना देता है,
वो सपना है जान से प्यारा,
हर रक्त से प्यारा ...
धरा से अंबर का सफर,
जब चाँद पर कदम रखने का हुआ,
धरा से पाताल का सफर,
जब जलनगरी की खोज में हुआ,
चायवाले से प्रधानमंत्री का
आकार जब साकार हुआ,
वही है सपना-जान से प्यारा,
हर रक्त से प्यारा ...
अब देखा है सपना,
जो जान से भी है प्यारा
ठान लिया उसे पूर्ण करने का,
जो जग से है निराला,
मानव जब मानव को
बनाने में सक्षम हो जाएगा,
तब कहलाएगा सपना-जान से प्यारा,
हर रक्त से प्यारा ...
हर काला धन जब सफेद हाे जाएगा,
हर कर चोरी जब कर में बदल जाएगा,
गरीबी,भ्रष्टाचार जब हर रूप में समाप्त हो जाएगा,
तब बनेगा वो सपना-हकीकत से प्यारा,
हर लम्हे से न्यारा ...
