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संवेदनाओं भरा दिल

संवेदनाओं भरा दिल

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मैं उन लोगों 

के भी करीब बैठती हूँ 

जो मुझे पसंद नहीं करतें 

उनके लिए भी उठाती हूँ 

दुआ के हाथ 

जिन्हें मैं जानती नही

कभी देखा नहीं-

कभी मिली भी नहीं,

पत्थर मारती भीड़ में 

जो कुचल कर मर गए 

कर सकते थे बहुत कुछ 

पर गुमराह हो गए 

अंध विश्वास की सूली पर 

वेबज़ह चढ़ गए। 

खून-खराबा गुनाहों भरे रास्ते  

जिन्हें है बहुत लुभाते- 

उनके लौटने का

करतीं हूँ इंतज़ार।  

लोग करतें हैं मुझसे यह सवाल

क्यों करतीं हूँ मैं 

उन के लिए दुआ 

जो मेरे कुछ नहीं लगतें-

उनके सवाल का सीधा है ज़वाब    

संवेदनाओं भरा दिल है मेरे पास 

जो हर नेकी के लिए 

धड़कना जानता है 

हर बुराई को मिटाना चाहता है॥  


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