खामोशी भरा प्यार ,घुल रहा ....मद्धम - मद्धम ,साँसों के आरपार! खामोशी भरा प्यार ,घुल रहा ....मद्धम - मद्धम ,साँसों के आरपार!
मुख्तसर से इस सफर को बना लो हसीन और कामिल। मुख्तसर से इस सफर को बना लो हसीन और कामिल।