श्री गणेश स्तुति (१०)
श्री गणेश स्तुति (१०)
मेरे नैयनों में बैठे हैं देवा,
मैंने पट बंद अखियां किए हैं।
वो जा सकते ना ही निकल के,
मैंने धड़कन में बैठा लिए हैं।।
मैं जागा रहूं या मैं सोया,
मैंने देवा के दर्शन किए हैं।
मेरा जीवन समर्पित है उनको,
हम उनके लिए ही जिए हैं।।
मेरे नयनों...
मैं जन्मों से भटका रहा था,
मुझे देवा ही राह दिए हैं।
अब कुछ ना ही मुझको है करना
जो करना वो देवा किए हैं।।
मेरे नयनों...
कोई आरजू अब ना है बाकी,
देवा काम वो पूरे किए हैं।
मैं बैठा रहूं नाम जपता,
मैं उनका वो मेरे लिए हैं।।
मेरे नयनों...
आज समझा मैं उनकी कृपा को,
देवा सब कुछ तो मुझको दिए हैं।
मैं बारी जाऊं उनके ऊपर,
अपने कर की वो छाया किये हैं।।
मेरे नयनों...