BANDITA Talukdar
Others
शब्दों को आज़ाद तो
उसी दिन कर दी थी
जिस दिन तुमने
मेरे शब्दों का श्राद्ध
कर दिया था।
जो जुबां से नहीं बोल पाती थी
वो शब्दों से ही तो बोलती थी।
तुमने तो ऐसा घायल किया
मेरे हाथों की जुबां भी
एक ही बार में छिन ली...
ज़िंदगी
आसू
फेरे
श्राद्ध
पुतले
कोशिश
हम
मां कहती थी
रिश्तों की पो...
रिश्ते को