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BANDITA Talukdar

Others

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रिश्तों की पोटली

रिश्तों की पोटली

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कितना ख़ुश नसीब है हम

रिश्तों की पोटली में खिले है हम

कितना स्नेह आदर है इसमें

जिसमें खुद को सरहते है


इससे कैसे हम भागे

जाये तो जाये दुनिया वाले आगे

हम तो चलेंगे

रिश्तों की पोटली सजा के!



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