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पुतले

पुतले

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आना था इस जहान पे

आ गए हम...


बड़े हो गए देखते ही देखते

हर वक्त सोचते है ये मेरे है

वो तेरे है करके...


कभी कभी तो हद ही पार

कर देते है...

हम तो माॅं को भी हिस्सा कर लेते है...


भूल जाते हर बार

दुनिया की कड़ी तो उससे ही जोरी है

हम तो बस ऊपर वाले की हाथ की

कठपुतले है...


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